बस्ती। आजादी की लड़ाई में बस्ती जिले के रणबांकुरों की गाथा आज भी इतिहास के पन्नों में अमर है। इसी पन्नों में शामिल स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित सीताराम शुक्ल भी एक किरदार हैं। जंग-ए-आजादी में इनकी भूमि काफी महत्वपूर्ण थी। उन्होंने इस लड़ाई में अपना सब कुछ दान कर दिया था। यही नहीं भारत छोड़ों आंदोलन में इन्हें दो वर्ष का कारावास भी हुआ, इसके साथ ही अन्य आंदोलनों में भी इन्हें जेल जाना पड़ा था ।
पंडित सीताराम शुक्ल
राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अद्भुत कला प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले, दर्जनों बार राष्ट्रीय स्तर सम्मानित जनपद बस्ती के प्रसिद्ध युवा चित्रकार चन्द्र प्रकाश चौधरी ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित सीताराम शुक्ल की कागज पर बहुत ही मनमोहक छवि को उकेरा है । चन्द्र प्रकाश चौधरी को जनपद बस्ती के अनेकों गुमनाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को जनमानस में जीवंत करने श्रेय दिया जाता है । चन्द्र प्रकाश ने कहा कि बस्ती जनपद के गुमनाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का नई पीढ़ी को उनकी वीर गाथाओं से परिचय करवाने के लिए चित्र सृजन का कार्य कर रहे है, इससे पहले चित्रकार चन्द्र प्रकाश चौधरी ने जनपद बस्ती के 1857 क्रान्ति के रणबांकुरो की पेंटिंग बनाई है, जिनमें अमर शहीद राजा शिवगुलाम सिंह, नगर के राजा उदय प्रताप सिंह, अमोढ़ा के राजा जालिम सिंह, महारानी तलाश कुंवरि, पिरई खां की पेंटिग शामिल है, जो जनमानस मे अत्यधिक लोकप्रिय हुई है।