(चन्द्र प्रकाश चौधरी ) |
चन्द्र प्रकाश चौधरी का जन्म सन् 1990 उत्तर भारत के एक हिन्दू कुर्मी परिवार में हुआ था। इनका मूल जन्म निवास स्थान गांव खजुहा है । चित्रकार चन्द्र प्रकाश चौधरी एक किसान परिवार से है इनका वर्तमान निवास स्थान बैदोलिया अजायब है, जो बस्ती जिले में भगवान श्री राम के पवित्र जन्मस्थान और पौराणिक नगरी अयोध्या धाम से 55 किलोमीटर पूर्वोउत्तर में स्थित है। इनके पिता श्री राम दुलारे चौधरी एक मध्यम वर्गीय किसान है जो कि अपना कृषि का व्यवसाय कर रहे है, व इनकी माता श्रीमती मालती चौधरी एक धार्मिक महिला है ये अपने चार भाईयो ( विक्रमा जीत चौधरी, कृष्ण कुमार चौधरी,रामानंद चौधरी ) मे से तीसरे है ।
बेहद सरल स्वाभाव व मृदुभाषी चित्रकार चन्द्र प्रकाश चौधरी इन्होने गांव की प्राथमिक पाठशाला बैदोलिया अजायब, गौर, बस्ती से अपनी आरंभिक शिक्षा ली, और सन 2005 मे आदर्श जनता उ०मा० हलुआ,बस्ती से हाईस्कूल व 2007 में हंसराज लाल इण्टर कालेज गनेशपुर, बस्ती से इण्टरमीडियट की परीक्षाये प्रथम श्रेणीयों मे उत्तीर्ण किया |
सन् 2007 मे उच्च शिक्षा के लिए पूर्वांचल के सुप्रसिध्द महाविद्यालय फैजाबाद जिले के साकेत पी.जी.कालेज मे दाखिला लिया और वही से इन्होने सन 2010 मे चित्रकला,शिक्षाशात्र,समाजशात्र विषय के साथ बी.ए. व सन 2012 मे चित्रकला विषय के साथ एम.ए.की परीक्षायें प्रथम श्रेणीयो मे उत्तीर्ण किया |
पूर्वांचल यूपी के एक प्रसिद्ध डिग्री कॉलेज अपनी परास्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह सन 2012 में कला पेशेवर अध्ययन के लिए देश के विविध संस्थानो से जुड़ कर चित्रकला का गहन अध्ययन किया और अपने जन्मजात कलात्मक गुणों के साथ उन्होंने कला के क्षेत्र मे प्रवेश किया ।
इसी दौरान इनकी मुलाकात जाने माने योग साधक व कला अाचार्य महेश योगी जी से हुई, और ऐ इन्ही को अपना कला व आदर्श मानकर उनके कला संस्थान ( सप्तरंग ललित कला संस्थान, अयोध्या ) मे प्रवेश लिया और महेश जी की सरण स्थली मे रह कर कला की साधना करने लगे | जिससे इनकी कला दिनो दिन. निखरती चली गयी | इसी बीच इन्हे राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन फैजाबाद द्वारा सम्मानित किया गया | फिर इन्होने सन 2011 मे अपने गृह जनपद बस्ती मे एकल चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन कर अपनी कला प्रतिभा का लोहा मनवाया, जिसकी जनमानस मे मुक्त कंठ से प्रशंसा की गयी | इसके बाद इनकी सफलताओ का जो दौर चला वह कभी नही थमा, इन्होने राज्य ललित कला अकादमी लखनऊ, के साथ साथ अलीगढ मुस्लिम विश्व विद्यालय, फैजाबाद, सुलतानपुर, अयोध्या , मनवर महोत्सव हर्रैया, बस्ती, अम्बेडकर नगर, कप्तानगंज आदि प्रदेश के विविध स्थानो व जनपदो मे अपने चित्र कृतियो का प्रदर्शन कर अपनी कला प्रतिभा का परिचय दिया | सन 2012 राज्यस्तरीय चित्रकला प्रदर्शनी देव इन्द्रावती पी.जी.कालेज कटहरी, अम्बेडकर नगर मे इन्हे "फस्ट एण्ड लास्ट" नामक चित्रकृती के लिए सुप्रसिध्द अन्तर राष्ट्रीय चित्रकार किशन सोनीजी द्वारा सम्मानित किया |
चन्द्र प्रकाश चौधरी ने विविध माध्यमो से चित्रो की रचना की है जिनमे आयल, जल, क्रेयान, पेन्सिल स्केज प्रमुख है | मित्रो साल 2013 मे इन्हे रामकथा पर उत्कृष्ट चित्राकंन के तत्कालीन सी.ओ. बीकापुर तारकेश्वर पाण्डेय जी द्वारा सम्मानित किया गया व 2014 मे क्षेत्रीय कला मेला सुलतान पुर मे सुप्रसिध्द लोक विधा की चित्रकत्री डा. कुमुद सिंह जी सम्मानित किया गया | और इसी वर्ष इन्हे राष्ट्रीय कला मेला मे "दा फ्यूचर नामक कला कृति लिए विश्व की प्रथम महिला कला डी.लिट. प्रो.चित्रलेखा सिंह जी द्वारा सम्मानित किया गया | कला के साथ साथ बहुमुखी प्रतिभा के धनी चौधरी साहब को वाद विवाद, आशु भाषण, क्राफ्ट कला, आदि प्रतियोगिताओ मे प्रथम पुरस्कारो से सम्मानित होकर अपने जिले व क्षेत्र का नाम ऱोशन कर चुके है |
कलाकारी के साथ ही साथ चन्द्र प्रकाश चौधरी ने लेखन कार्यो मे भी अपनी दक्षता का परिचय दिया है बेहतरीन लेख व प्रभाव पूर्ण संवादो के दम पर इनकी रचनाये व लेख समाचार पत्रो मे अपना विशिष्ठ स्थान बना चुकी है |
महज 24 वर्ष मे उम्र मे ही इन्होने अपने कला गुरू महेश त्रिपाठी के जीवन लीला पर आधारित एक ग्रंथ की रचना की है जिसकी देश अनेको कलाविदो व लेखको ने मुक्त कंठ से सराहना की है |
इतना ही नही इन्होने इण्टर मीडिएट के विद्यार्थियो व कला पाठको के लिए, सन 2017 में "NATURE DRAWING" (प्रकृति चित्रण - पुष्प चित्रण) नामक पुस्तक का सृजन कर कला के विद्यार्थियो को एक कला सीखने का शसक्त मार्ग प्रसस्त किया । पुस्तक का यह संस्करण अध्येताओ की कलात्मक रूचि का विकास करेगा और किशोर कलाकारो की प्रतिभा के विकास को बहुमुखी आयाम देगा,एेसा इनका दृढ़ विश्वास है ।
इन्होने सन 2017 मे एक फिर अपने गृह जनपद चित्रकला प्रद्रर्शनी का आयोजन कर जनमानस कला का प्रसार किया और इसी वर्ष इन्हे बस्ती जिले लोक प्रिय नेता पूर्व विधायक राना कृष्ण किंकर सिंह जी द्वारा सम्मानित किया गया ।
चन्द्र प्रकाश चौधरी द्वारा सृजित चित्र देश कई संग्रहालयो मे संग्रहित है और बस्ती जनपद के प्रमुख नेताओ जैसे राना कृष्ण किंकर सिंह, राम प्रसाद चौधरी, सी.ए.चंद्र प्रकाश शुक्ल आदि के निजी संग्रह मे सुसजित है
समाज सेवा मे भी कभी ए पीछे नही रहे ये स्काउट गाइड, रेडक्रास जैसी समाज सेवी संगठनो से जुड़े रहे है । ग्रामीण अंचल मे कला शिक्षा को लेकर इन्होने समय समय पर नि: शुल्क चित्रकला प्रशिक्षण शिविरो का व चित्रकला प्रतियोगिताओ आयोजन करते रहे है | अपनी प्रभाव चित्रकारी, लेखनी,व ओजपूर्ण संवादो से नित नित लोगो के दिलो दिमाग मे छाप छोड़ रहे युवा चित्रकार ने ग्रामीण गरीबों के बच्चो को मुफ्त मे शिक्षा व पाठ्य समाग्री वितरण आयोजन किया ।
चित्रकार चन्द्र प्रकाश चौधरी के पिता राम दुलारे चौधरी जी ।
प्रचार प्रसार से दूर सर्वथा दूर रहकर एकान्त कला साधना के अभ्यासी युवा चित्रकार चन्द्र प्रकाश चौधरी जी ने अपने अल्पकाल मे अथक साधना की है ! भीड़ भाड़ और कोलाहल इन्हें कभी अभीष्ट नही रहे है । यही कारण है कि शहरो को छोड़ उन्होने ग्राम अंचल मे कला की दीर्घ साधना कर रहे है । कर्तव्य-पालन सबसे बड़ी ईश वन्दना है, इस सिध्दान्त का अक्षरत पालन करते हुए उन्होने कला अध्यापक से कला प्रवक्ता पद की गरिमा को निरन्तर बढा रहे है ।
इनकी कला साधना सदैव प्रशंसा की पात्र रही है । उनकी तूलिका ने न केवल मानव संवेगो और संवेदनाओ को आकार दिया है अपितु प्रकृति के विभिन्न रम्यरूपो को सजीवता के साथ साकार किया है । साथ ही ग्रामीण और शहरी गरीब बच्चों को बुनियादी शिक्षा प्रदान करने के लिए ये वर्तमान समय मे गृह जनपद बस्ती मे विविध स्कूलो व संस्थाओ से जुड़कर नव निहालो मे कला की अलख जगा रहे है |
प्रचार प्रसार से दूर सर्वथा दूर रहकर एकान्त कला साधना के अभ्यासी युवा चित्रकार चन्द्र प्रकाश चौधरी जी ने अपने अल्पकाल मे अथक साधना की है ! भीड़ भाड़ और कोलाहल इन्हें कभी अभीष्ट नही रहे है । यही कारण है कि शहरो को छोड़ उन्होने ग्राम अंचल मे कला की दीर्घ साधना कर रहे है । कर्तव्य-पालन सबसे बड़ी ईश वन्दना है, इस सिध्दान्त का अक्षरत पालन करते हुए उन्होने कला अध्यापक से कला प्रवक्ता पद की गरिमा को निरन्तर बढा रहे है ।
इनकी कला साधना सदैव प्रशंसा की पात्र रही है । उनकी तूलिका ने न केवल मानव संवेगो और संवेदनाओ को आकार दिया है अपितु प्रकृति के विभिन्न रम्यरूपो को सजीवता के साथ साकार किया है । साथ ही ग्रामीण और शहरी गरीब बच्चों को बुनियादी शिक्षा प्रदान करने के लिए ये वर्तमान समय मे गृह जनपद बस्ती मे विविध स्कूलो व संस्थाओ से जुड़कर नव निहालो मे कला की अलख जगा रहे है |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें